संसार में आज बहुत हलचल मची है जाने-माने विद्वान दुनिया में शांति स्थापित के कार्य में उलझे हैं लेकिन जिस शांति स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं उस पर पहुंचने के लिए विश्व के कई महान लोग अपना जीवन अर्पित कर गयें हैं और किए जा रहे हैं ,लेकिन आज हमारी निगाहें कमजोर हैं हमारे दिमाग कुंज हैं हमारा मन कमजोर हो रहा है हम दुनिया की शांति के लिए क्या चिंता करें ,अपने देश के लिए ही कुछ नहीं कर पा रहे हैं इसे अपनी बदकिस्मती ही कहें ,हमें तो अपने दकियानूसी विचारों तबाह कर रहे हैं हम मंदिर मस्जिद और धार्मिक स्थल बनाने के लिए उत्सुक हैं स्वर्ग पाने के लिए आत्मा परमात्मा के विलाप में फंसे हैं, इटली,ईरान, अमेरिका जो इस समस्या से सबसे ज्यादा जूझ रहा है को हम तुरंत भौतिकवादी कह देते हैं उनके जो विचार हैं उनकी ओर ध्यान ही नहीं देते हैं, हम आध्यात्मिक रुझान वाले जो हैं बड़े त्यागी जो हैं हमें ऐसे संसार की बातें ही नहीं करनी चाहिए हमारी ऐसी दुरावस्था हो गई है कि रोने का मन करता है । 21वीं सदी में हालात सुधर रहे हैं जवानों की सोच विचार पर यूरोप के विचारों का कुछ कुछ असर पड़ रहा है जो नौज...