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Showing posts from August, 2020

न्यायपालिका द्वारा बनाया जा रहा है डर का माहौल

 मैं  तो डर गया 🙄🙄🙄प्रशांत भूषण को 2 महीने में सजा दे दी गई !  यदि आप नहीं डर रहे हैं तो डरना सीख लीजिए !   क्योंकि अलोकतांत्रिक कोलेजियम से चूनी हुई न्यायपालिका से आप  लोकतंत्र की उम्मीद कैसे कर सकते हैं ? हां भाई बिल्कुल अलोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई न्यायपालिका, आपको लग रहा है मैं क्या कह रहा हूं? हमारे प्रदेश में जिला जज बनने के लिए भी एक विद्यार्थी को  प्री, मेंस और उसके बाद इंटरव्यू से गुजारना पड़ता है तब जाकर के जूनियर जज बनता है लेकिन कॉलेजियम सिस्टम में ऐसा बिल्कुल नहीं है एक इलाहाबाद  हाईकोर्ट के भूतपूर्व जज ने कहा कि चाय के चूस्की के साथ निर्णय हो जाता है सुप्रीम कोर्ट का जज कौन बनेगा  हो सकता है इलाहाबाद के पूर्व जज गलत हो ?    मैं तो बहुत छोटी चीज हूं लेकिन उनके समकक्ष लोग उसी बयान के कारण  उनके रिटायरमेंट के दिन उन्हें बोलने तक नहीं दिये थे  क्योंकि वह भी डर गए थे  डर किसे नहीं लगता , आखिरकार मिलार्ड जो ठहरे 🙄 डरना भी चाहिए , क्या पता आपको 15 दिन के अंदर सूली पर लटका दें !  इसी तरह से जस्टिस कर्णन जी का उदाहरण ले लिजीए जब इन्हें सजा सुनाई गई  तथा पागल कहा गया  तो यही