मैं तो डर गया 🙄🙄🙄प्रशांत भूषण को 2 महीने में सजा दे दी गई ! यदि आप नहीं डर रहे हैं तो डरना सीख लीजिए ! क्योंकि अलोकतांत्रिक कोलेजियम से चूनी हुई न्यायपालिका से आप लोकतंत्र की उम्मीद कैसे कर सकते हैं ? हां भाई बिल्कुल अलोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई न्यायपालिका, आपको लग रहा है मैं क्या कह रहा हूं? हमारे प्रदेश में जिला जज बनने के लिए भी एक विद्यार्थी को प्री, मेंस और उसके बाद इंटरव्यू से गुजारना पड़ता है तब जाकर के जूनियर जज बनता है लेकिन कॉलेजियम सिस्टम में ऐसा बिल्कुल नहीं है एक इलाहाबाद हाईकोर्ट के भूतपूर्व जज ने कहा कि चाय के चूस्की के साथ निर्णय हो जाता है सुप्रीम कोर्ट का जज कौन बनेगा हो सकता है इलाहाबाद के पूर्व जज गलत हो ? मैं तो बहुत छोटी चीज हूं लेकिन उनके समकक्ष लोग उसी बयान के कारण उनके रिटायरमेंट के दिन उन्हें बोलने तक नहीं दिये थे क्योंकि वह भी डर गए थे डर किसे नहीं लगता , आखिरकार मिलार्ड जो ठहरे 🙄 डरना भी चाहिए , क्या पता आपको 15 दिन के अंदर सूली पर लटका दें ! इसी तरह से जस्टिस कर्णन जी का उदाहरण ले लिजीए जब इन्हें सजा सुनाई गई तथा पागल कहा गया तो यही
महात्मा बुद्ध से संबन्धित स्थान जन्म का स्थान –कपिलवस्तु का लूम्बनी ( आज ही के दिन यानी बुद्ध पूर्णिमा के दिन) ज्ञान प्राप्ति का स्थान – बोधगया पहला प्रवचन –वाराणसी के निकट सारनाथ मृत्यु –कुशीनगर (देवरिया, उत्तर प्रदेश) बौद्ध धर्म से संबन्धित महत्वपूर्ण शब्दावली महाभिनिष्क्रमण – सिद्धार्थ ने 29 वर्ष की उम्र मे गृह त्याग किया जिसे बौद्ध धर्म मे महाभिनिष्क्रमण कहा गया है। धर्मचक्रप्रवर्तन –महात्मा बुद्ध ने पहला प्रवचन सारनाथ मे दिया जिसे बौद्ध धर्म मे धर्मचक्रप्रवर्तन कहा गया है। महापरिनिर्वाण –महात्मा बुद्ध की 80 वर्ष की उम्र मे मृत्यु हो गई जिसे बौद्ध धर्म मे महापरिनिर्वाण कहा गया है। निर्वाण – तृष्णा के क्षीण हो जाने की अवस्था। बौद्ध धर्म की शिक्षाएं #चार आर्य सत्य बुद्ध की दृष्टि में इस संसार में चार प्रमुख सत्य है जो चत्वारि आर्य सत्यानी के नाम से संबोधित किया जाते हैं । वे सत्य है : दुख , दुख समुदाय , दुख निरोध तथा दुख निरोध के उपाय दुख : बुद्ध के अनुसार यह संसार दुख में है जो जन्म , जरा , रोग , मृत्यु , शोक , विलाप ,